पाकिस्तानी हमले में मुजफ्फरनगर के डेंटर और एक बच्ची की मौत पर कोहराम

पाकिस्तानी हमले में मुजफ्फरनगर के डेंटर और एक बच्ची की मौत पर कोहराम

पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के दौरान पाकिस्तान सेना द्वारा जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में किए गए हवाई हमलों के दौरान मुजफ्फरनगर निवासी एक व्यक्ति शाहिब और एक बच्ची आयशा नूर की उस समय दर्दनाक मौत हो गई थी जब 9 मई की रात्रि में पाकिस्तानी सेना के द्वारा जम्मू कश्मीर के राजौरी में हवाई हमला किया गया था राजौरी में एक किराए के घर में शो रहे साहिब और आयशा के ऊपर मिशाइल गिरने के दोनों की दर्दनाक मौत हो गई थी इस हमले में मुजफ्फरनगर के थाना काकरोली क्षेत्र के गांव खाई खेड़ा निवासी शाहिब पुत्र साहिद व आयशा नूर पुत्री तोहिद की दर्दनाक मौत हो गई। पाकिस्तानी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को मामले की जानकारी 10 मई की सुबह को मिली इसके बाद मर्तकों के परिवार में कोहराम मच गया और उनके शव को लाने का प्रयास शुरू किया गया। वही साहिब के साथ काम करने वाले विनोद यादव निवासी अमेठी ने किसी तरह साहब और आयशा के शवों को 11 मई की सुबह 3 बजे गांव खाईखेड़ी लाया गया। शवों के गांव में पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया वहीं सूचना मिलते ही समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी सहित समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल पीड़ित परिवार के घर पहुंचा जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तानी हमले में मुजफ्फरनगर के साहिब और एक बच्ची आयशा की मौत की खबर परिजनों तक पहुंच गई मगर प्रशासन का कोई भी व्यक्ति या अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया डेड बॉडी लाने के बाद गमगीन माहौल में दोनों शवों को दफनाया गया रविवार की दोपहर एसडीएम जानसठ जयेंद्र कुमार भी मौके पर पहुंचे जिसमें उप जिलाधिकारी जयेंद्र कुमार इन्हें बताया कि उनके पास राजौरी के डिप्टी कमिश्नर का फोन आया था जिसमें उन्होंने मृतक परिजनों की डिटेल मांगी थी ताकि जम्मू कश्मीर सरकार मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जा सके ।


बताया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर के थाना काकरोली क्षेत्र के गांव खाई खेड़ा निवासी शाहिब पुत्र साहिद पिछले 15 वर्षों से राजौरी में एक वर्कशॉप में बतौर डेंटर के रूप में काम करता था और राजौरी क्षेत्र में ही किराए का मकान लेकर रह रहा था पिछले दिनों से मृतक साहिब की भतीजी आयशा नूर भी साहब के पास ही रह रही थी। साहब के साथ वर्कशॉप में काम करने वाला विनोद यादव निवासी अमेठी दोनों के शवों को लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचा था। विनोद ने जम्मू कश्मीर में अपना स्थिति को काफी भयावय बताया

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