पीजेंट के चेयरमैन अशोक बालियान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर प्री-बजट मीटिंग में अपने सुझाव रखेंगे – अशोक बालियान

पीजेंट के चेयरमैन अशोक बालियान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर प्री-बजट मीटिंग में अपने सुझाव रखेंगे – अशोक बालियान

प्रेजेंट वेलफेयर एसोसिएशन को केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर प्री-बजट मीटिंग में अपने सुझाव रखने के लिए आमंत्रित किया गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार दिनांक 16-12-2024 को बजट से पहले होने वाली बैठकों के क्रम में किसान प्रतिनिधियों और कृषि हितधारकों के साथ बैठक बुलाई है।

इस मीटिंग में पीजेंट के चेयरमैन अशोक बालियान किसान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों के कल्याण में सुधार के उद्देश्य से नीतिगत बदलावों, बजटीय सहायता और सुधारों पर अपने सुझाव रखेंगें। सरकार से सस्ता दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराने, कृषि उपकरणों, बीज और पेस्टीसाइड ( कीटनाशक दवाओं) आदि पर जीएसटी (टैक्स) कम करने और पीएम-किसान आय सहायता को दोगुना करने का आग्रह भी कृषि मंत्री से करेंगें। एमएसपी प्रणाली, बाजार हस्तक्षेप योजना व् कृषि बाजार सुधार, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने, कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने के उपाय करने और कृषि निवेश जैसी कृषि क्षेत्र की कई चुनौतियों का समाधान करने पर विचार करेंगें।
खाद्य प्रसंस्करण और कृषि से संबद्ध गतिविधियों जैसे पशुपालन, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बात की जाएगी।क्योकि खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने से मांग पैदा होगी और किसानों को भी बेहतर कीमतें मिलेंगी।कृषि से संबद्ध गतिविधियों का बाजार निश्चित करने व् खेती की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बाजार को किसान-उन्मुख बनाने पर भी सुझाव रखेंगें।
देश में जिस तरह लघु उद्योग क्षेत्र में उत्पादों के आरक्षण की नीति है उसी तरह देश में ग्रामीण क्षेत्र में कृषि उत्पाद के वैल्यू एडिड उद्योग (कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन उद्योग) में उत्पादों के आरक्षण की नीति बने जाने पर भी चर्चा करेंगे।
इस मीटिंग में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र की व्यापक समीक्षा की मांग भी की जाएगी। तथा एमएसपी की गणना में C2 फार्मूला अर्थात भूमि किराया, फसल बोने में खर्च की गयी पूंजी पर ब्याज, आयत से होने वाले नुकसान और कटाई के बाद के खर्चों को शामिल करने के सुझाव दिए जायेंगे।

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