महिलाओं के वीडियो, तथा बाद में घटनास्थल पर लिए गए शवों के फोटोग्राफों से पता चलता है कि हमलावरों ने महिलाओं को यौन निशाना बनाया था : अशोक बालियान
इज़राइल की निर्दोष जनता, जिनमे महिलायें व बच्चे भी है, उनको हमास ने 7 अक्तूबर को बंधक बना लिया था, जिनमें से अभी तक भी काफ़ी बंधक हमास के क़ब्ज़े में है।क्या इज़राइल को उन्हें छुड़ाने के लिए मिल्ट्री ऑपरेशन करने का अधिकार नहीं।
ईरान को हमास द्वारा बंधक बनाये गये इज़राइल नागरिकों को छुड़ाने के लिए पहल करनी चाहिए थीं, क्योंकि वह हमास को सहायता व हथियार दे रहा है।लेकिन ईरान ने इज़राइल में आतंकवादी घटना होने के बाद भी इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना जारी रखा है।
हमास द्वारा फिल्माए गए वीडियो में एक महिला को हथकड़ी लगाए और बंधक बनाए जाने का दृश्य शामिल है, जिसके हाथों पर कट लगे हैं तथा उसकी पतलून की सीट पर खून के बड़े धब्बे हैं।हमास की इस कार्यवाही का हिज़बुल्लाह व हूती ने समर्थन किया था।ईरान में एक चुनी हुई सरकार है, लेकिन उसका इन आतंकवादियों को समर्थन करना समझ से परे है।
इज़राइल द्वारा हमास व हिज़बुल्लाह के चीफ़ को मारने का उसके पास वैध कारण है, क्योंकि ये आतंकवादी संगठन है और इज़राइल में हिंसक घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार है। गाजा में हमास के आतंकवादियों को ख़त्म करने के लिए व लेबनान में हिज़बुल्लाह के आतंकवादियों को ख़त्म करने के लिए ही इज़राइल मिलिट्री ऑपरेशन चला रहा है।ईरान को आतंकवादी संगठनों का समर्थन नहीं करना चाहिए।
दुनिया के मुस्लिम समुदाय को समझना चाहिए कि हमास, हिज़बुल्लाह व हूती आतंकवादी संगठन है,जो हिंसा में विश्वास रखते है। इस लड़ाई में दोनों तरफ आम लोगों को जान और माल का नुकसान हो रहा है, जो दुखद है।यह लडाई बंद होनी चाहिए।इससे बच्चो व् महिलाओं के साथ मानवता प्रभावित होती है।

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