उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में विदेशी आक्रमणकारी बाबर के आदेश पर श्रीहरिहर मंदिर को तोड़कर में मस्जिद में बदल दिया था- अशोक बालियान
उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में जामा मस्जिद के सर्वे का कार्यकोर्ट के आदेश पर शुरू हुआ था।आज दूसरी बार सर्वे होने पर वहाँ स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।यह तनावपूर्ण स्थिति कुछ राजनैतिक नेताओं व धार्मिक नेताओं के बयानों के कारण उत्पन्न होने की बात पुलिस प्रशासन के संज्ञान में आई है।
जनपद संभल में हिंदुओं का कहना है कि श्रीहरिहर मंदिर (भगवान विष्णु का मंदिर) को तोड़कर सन 1525-28 मस्जिद का निर्माण किया गया था। विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों ने, न सिर्फ भारत को लूटा, बल्कि यहां की संस्कृति, धर्म, इतिहास, को बर्बाद किया था और लाखों हिन्दुओं कोइस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर किया था। जिस समय देश में इन विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मन्दिर तोड़े थे, उससमय तक हिन्दू धर्म से इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाली जनता भी हिन्दू ही थी और ये तोड़े जाने वाले उनके धार्मिक स्थान ही थे। लेकिन हिंदुओं से जबरन बने मुस्लिम समाज के कुछ राजनैतिक व धार्मिक नेता अपने मूल धर्म के धर्म स्थल को मूलस्वरूप में लाने का विरोध कर रहे है, जो उचित नहीं है।देशवासियों को इतिहास की सही जानकारी होनी चाहिए।
भारतीय सनातन परंपरा में मंदिर एक महत्वपूर्ण केंद्र होता है।सातवीं शताब्दी से लेकर अंग्रेज़ी शासन आने तक लगातार इस्लामिक आक्रमणकारियों द्वारा हिंदू देव स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था। 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान, संभल पांचाल शासकों का घर था। यह प्राचीन शहर एक समय सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी था। उस ज़माने में आल्हा उदल यहाँ के प्रमुख रक्षक थे। इनके शौर्य की गाथा आज भी हिंदी भाषी इलाकों के ग्रामीण क्षेत्रों में गाई जाती हैं।
भारत में बहार से आये खिलजियों, मुगलों और कई लुटेरे आक्रान्ताओं ने हमारी हजारों धार्मिक विरासतों को ध्वस्त किया था। मुगल शासक बाबर के आदेश पर उनके एक सेनापति मीरबेग द्वारा संभल में सन 1525-28 के बीच में श्री हरिहर मन्दिर को तोड़कर जामा मस्जिद में बदल दिया गया था।
इसका घटना का विवरण ‘Abstract of the Reports of the Surveys in India, 1878′ पुस्तक के पेज 29 व् ‘Proceedings of the Asiatic Society of Bengal, 1873’ के पेज 98 पर है। इसी तरह ‘Descriptive And Historical Account Of The North-western India Vol 9 by Azim-ud-din Khan, 1879’ के पेज 79 के अनुसार बाबर के आदेश पर हिंदू मंदिर को तोड़कर मस्जिद में बदल दिया गया था। बाबर द्वारालिखित पुस्तक ‘Babur Nama Vol-i by Beveridge, Susannah, 1922’ के पेज 656 के अनुसार बाबर के आदेश पर अयोध्या में भगवनराम के मन्दिर को तोडा गया था। और इसी पुस्तक के पेज 687 के अनुसार बाबर के आदेश पर संभल में एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया गया था।
इसीप्रकार ‘Archaeological survey of india, Report of Tours in the Central Doab and Gorakhpur in 1874-75 and 1875-76 by Carlleyle 1879’ के पेज 24 के अनुसार संभल की मुख्य इमारत जामी मस्जिद है, जिसके बारे में हिंदू दावा करते हैं कि यह मूलरूप से श्रीहरिहर मंदिर था। जामी मस्जिद की मुख्य इमारत में हिंदू मंदिर की दीवारें पत्थर से ढकी बड़ी ईंटों से बनी हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन मुसलमानों ने इसे जिस प्लास्टर से दीवारों को लेपित किया है, वह उस सामग्री को छुपाता है,जिससे वे बनी हैं। बाद में मुसलमानों ने ज़्यादातर पत्थरों को हटा दिया था और ख़ास तौर पर उन पत्थरों को जो हिंदू धर्म के निशान थे।मस्जिद में उन पत्थरों का फ़र्श बनाया व मूर्तियों को नीचे की ओर मोड़ दिया था। चौकोर हिंदू मंदिर में मूल रूप से पूर्वी दीवार में केवल एक द्वार था, जो लगभग 8 फीट चौड़ा था, लेकिन बाद में मुसलमानों ने चार और दरवाजे काट दिए थे।
संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा है किसंभल की जामा मस्जिद वहां एक मस्जिद थी, मस्जिद है और सदा मस्जिद ही रहेगी। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि ऐतिहासिक संदर्भों को दोबारा वर्णित करने की कोशिशें राष्ट्रीय अखंडता के लिए किसी भी तरह से अनुकूल नहीं हैं।वैसे इस्लाम ऐसी मस्जिद को मान्यता नहीं देता, जो विवादित हो।लेकिन फिर भी ये नेता मुस्लिम समाज को उकसाने का कार्य कर रहे है।
ईसाइयों के देश स्पेन में इस्लामिक शासन 711 ईस्वी से 1492 ईस्वी तक रहा था। अपने शासन के शुरुआती दिनों में स्पेन में इस्लामिक शासकों ने जबरन धर्मांतरण किया था और बड़ी संख्यामें गिरजाघरों को मस्जिद में तब्दील कर दिया था। सन 1492 की शुरुआत में जब वहां पर ईसाइयों ने इस्लामिक शासन को उखाड़फेंका था, तो उन्होंने जबरन धर्मान्तरित किये गए ईसाईयों की पुन: घर वापसी करायी थी और उन मस्जिदों को भी अपने मूलस्वरूप में वापस लाया गया था, जो चर्च या गिरजाघर तोड़कर मस्जिद बनाई थी। यह दुनिया का एक ऐसा उदाहरण है,जहाँ जबरदस्ती इस्लाम स्वीकार करने वाली वहां की मुस्लिम जनता ने वापिस अपने मूल धर्म में घर वापिसी की थी।
हमारी राय में विदेशी इस्लामिक हमलावरों, जिन्होंने हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया था और हिंदुओं के मंदिर तोड़े थे,उनके द्वारा तोड़े गए हिंदुओं के मंदिरों को मूलस्वरूप में लाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ये मंदिर तो भारत के मुस्लिमों के हिंदू पुरखों ने ही बनाये थे।