अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के आठ महीने बाद राम मंदिर में व्यवस्थित दर्शन की प्रक्रिया शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीन अक्टूबर से शुरू होगी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर में आरती व दर्शन के समय खासा बदलाव कर दिया है। इस नयी व्यवस्था से पांच वर्षीय बालक रामलला को थोड़ा अधिक विश्राम का समय मिल सकेगा। तीर्थ क्षेत्र की ओर से किए गए परिवर्तन के अनुसार मंगला आरती चार बजे के बजाय साढ़े चार बजे से 4.40 तक होगी। पुनः भगवान के अभिषेक के बाद उनका श्रृंगार होगा। इसके चलते श्रृंगार आरती का समय अब सुबह छह बजे के बजाय साढ़े छह बजे कर दिया गया है। श्रृंगार आरती के बाद सुबह सात बजे से डी-वन बैरियर से नियमित रूप से दर्शनार्थियों का प्रवेश शुरू होगा।
पूर्वाह्न नौ बजे तक दर्शन के बाद पांच मिनट के लिए पट बंद कर भगवान को बाल भोग लगाया जाएगा। फिर 9.05 से 11.45 तक दर्शन चलता रहेगा। मध्याह्न 11.45 से 12 तक राजभोग व 12.30 बजे तक राजभोग आरती होगी। इस बीच 12.15 बजे से दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद रहेगा। वहीं मध्याह्न 12.30 से डेढ़ बजे तक एक घंटे के लिए पट बंद रहेगा। 1.30 बजे देव उत्थापन के बाद 1.35 से सायं चार बजे तक दर्शन चलेगा।
पुनः पांच मिनट के लिए पट बंद कर नैवेद्य भोग लगाया जाएगा। फिर 4.05 बजे से 6.45 बजे तक दर्शन चलेगा। इसके बाद 6.45 से सायं सात बजे तक पट बंद रहेगा व संध्या आरती सायं सात बजे होगी व नौ बजे तक दर्शन चलेगा। नौ बजे आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद हो जाएगा और नौ बजे से 9.15 बजे तक पट बंद रहेगा व भोग लगेगा। फिर शयन आरती 9.30 से 9.45 बजे तक होगी और 9.45 बजे भगवान का पट अगली सुबह तक के बंद हो जाएगा व भगवान रात्रि विश्राम करेंगे।