राम रहीम के पैरोल विवाद में रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी

यौन शोषण और हत्या के आरोप में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 20 दिनों की पैरोल मिलने का विरोध शुरू हो गया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी लिखकर राम रहीम को पैरोल दिए जाने पर आपत्ति जताई है और आयोग से आग्रह किया है कि इस समय जेल से उनकी रिहाई आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगी। राम रहीम को पैरोल देने की मंजूरी चुनाव आयोग दे चुका है। पिछले दो साल में उनका यह 11वां पैरोल होगा।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी मंगलवार को आरोप लगाया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए जेल से बाहर लाने के पीछे भाजपा का हाथ है और इसका उद्देश्य कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाना है। वाड्रा ने उनके नाम का कथित तौर पर ‘‘अपमानजनक तरीके से’’ इस्तेमाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं पर भी निशाना साधा।

उन्होंने PTI से कहा, ‘‘जब चुनाव से पहले वे बाबा राम रहीम को 20 दिन के लिए रिहा करते हैं, जिस पर हत्या, बलात्कार के आरोप हैं और आप (भाजपा) उन्हें प्रचार करने के लिए रिहा करते हैं… मैं कहूंगा कि केजरीवाल जी को भी ठीक इसी समय जेल से बाहर लाया जाता है ताकि वे हरियाणा में प्रचार कर सकें, मुझे लगता है कि ये भाजपा की पूर्वनियोजित योजना है।’’ वाड्रा ने विश्वास जताया कि हरियाणा में लोग कांग्रेस को वोट देंगे और उसे चुनाव में ‘भारी बहुमत’ मिलेगा।

कांग्रेस पार्टी के अलावा एक पत्रकार के बेटे ने भी रहीम की रिहाई पर आपत्ति जताई है। उस पत्रकार की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के लिए भी राम रहीम और अन्य तीन को दोषी ठहराया गया था। मृतक पत्रकार के बेटे ने कहा कि राम रहीम को रिहा करना लोकतांत्रिक मूल्यों और निष्पक्ष चुनावों का उल्लंघन है क्योंकि वह “किसी खास पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए संदेश भेजकर मतदान को प्रभावित कर सकता है

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